
- मोहम्मद असलम
- 18 Oct 2020
- 1M
- 3
परफेक्ट नेता और इम्परफेक्ट जनता
बिहार में चुनाव होनेवाले हैं और मध्य प्रदेश में महा चुनाव। बहुत कुछ अच्छा होनेवाला है। टैंट वाले की चाँदी है। नेताजी भाषण देने से पहले टैंट लगवाएंगे लोगों को इससे रोजगार मिलेगा। कुछ पिछलग्गू चाहिए होंगे जो झूठ-सच पर नेताजी की जयजयकार कर सकें। ये बड़ा ऊर्जा का कार्य है इसलिए ये काम किसी बूढ़े से होने से रहा। मतलब युवा को भी रोज़गार मिलनेवाला है। फिर नेताजी उसी टैंट से ऊँची आवाज़ में भाषण देंगे बेरोजगारी आज की तारीख़ में सबसे बड़ी समस्या है। जब ये वाक्य नेताजी के मुख से निकलकर माइक से गुजरते हुए भीड़ तक पहुँचने वाली होगी तबतक नेताजी के ज़ेहन में भी यही चल रहा होगा कि पता नहीं जितने मुण्डी दिख रहें हैं उतने वोट में बदलेंगे भी या नहीं। अगर नहीं ! मतलब अगले पाँच साल नेताजी भी बेरोजगार। अंदर का व्यक्ति बेरोजगारी की आपदा से घबराकर फिर एक बार ज़ोर लगाएगा और नेताजी जोश में लोगों को आश्वासन दे बैठेंगे कि रोजगार हम देंगे। ये अपने रोजगार को सुनिश्चित कर लेने का अच्छा मौका है इसलिए भाषण में कुछ भी चलेगा। ऐसे में चुनाव परफेक्ट मौका है पाँच सालों तक की नौकरी सुनिश्चित करने का और करोड़ों खरचने के बाद भी हार जाने का इम्पर्फेक्ट डर भी है।
दिन रात सोशल मीडिया पर वक़्त बितानेवाला युवा थकने लगा है उसे अब कुछ और करना है। वो तो भला हो "अनलिमिटेड डेटा थ्योरी" का ईज़ाद करनेवाले सज्जन का नहीं तो खाली जेब कि स्तिथि में सोशल मीडिया भी धत्त करके चुप होकर बैठ जाती। आप कितना भी मनाते वो तभी चलती जब उसे गाँधी के दर्शन करवाए जाते। ऐसे में चुनाव परफेक्ट मौका है जब नौजवान अपना जेब हरा-ग़ुलाबी कर सकता है। उससे भी पर्फेक्ट मौका है नेताजी को अपना गला साफ़ करने का। चुनाव आते आते नेताजी अपना गला इतना साफ़ कर चुके होंगे की नमकवाली गुनगुने पानी से हर रोज़ गलगला करना पड़ेगा। समझिए सच से ज़्यादा झूठ को फ़ैलाने में ज़ोर लगता है। कभी तो नेताजी को क्रेडिट दे दीजिए।
जो पिछले पाँच सालोँ में कई मरतबा नेताजी के दफ़्तर का चक्कर लगा चुके हैं और फिर भी नेताजी का दर्शन नहीं कर पाएं हैं चुनाव परफेक्ट मौका लेकर आया है उनके लिए। नेताजी ख़ुद दोनों हाथों को जोड़े आधे झुकी हुई मुद्रा में विराज़मान होने वाले हैं। महीनो से झल्लाए बैठा ग़रीब आदमी के लिए बड़ा असमंजस वाला मौका है कि अगर नेताजी से नाराज़गी दिखाई और नेताजी हार गए तब तो परफेक्ट और जीत गए फिर बड़ा इम्पर्फेक्ट साबित होने वाला है। दूसरी वाली हालात में तो सामने खड़ा होने तक के लिए कई बार सोचना पड़ेगा। वैसे में ग़रीब आदमी दांत पीसते हुए नेताजी के सामने वैसे पेश आएगा जैसे चुनाव आयोग सत्ताधारी और गैर सत्ताधारी के साथ पेश आती है।
उधर मध्य प्रदेश की जनता परफेक्ट और इम्परफेक्ट में फंस गई है। उनको समझ ही नहीं आ रहा है की आख़िरी दफ़ा जो वोट दिया था वो परफेक्ट था या अबकी बरी देंगे वो परफेक्ट रहेगा। ये बड़ा पेचीदा मामला है। नेताजी ही जानते हैं क्या रहेगा ? पार्टी में मलाई मिली तो ठीक नहीं तो फिर झण्डा बदल लिया जायेगा। बस जनता होने के नाते वोट देने के लिए तैयार रहिए। बदले में सरकार उस दिन छुट्टी भी तो देती है। कोई मामा को तो कोई कमलनाथ को परफेक्ट बताने में लगा है। जनता पहले भी इम्परफेक्ट थी और यथास्तिथि बनी रहेगी ऐसी उम्मीद भी रखनी चाहिए।
बिहार में भी कमोबेश यही स्तिथि है। पिछली बार जब आम आदमी ने परफेक्ट वोट किया था तब भी नेताजी ने साल बीतते-बीतते उसको इम्परफेक्ट बना दिया था। अबकी बार तो बड़ा मजाकिया दॄश्य है जो पिछली बार एक दूसरे को गले लगा रहे थे और परफेक्ट बता रहे थे वो अबकी बार पानी पी पी कर कोस रहें और इम्परफेक्ट बता रहें हैं। महिलाओं का भी बड़ा योगदान दिखनेवाला है। शराबबंदी परफेक्ट फैसला था लेकिन देर रात पीकर आये पतियों के इम्परफेक्ट कार्यों का भी हिसाब माँगा जायेगा। पडोसी राज्य झारखण्ड में खुदको परफेक्ट बतानेवाली बीजेपी इम्परफेक्ट साबित हो चुकी है ऐसे में खुद को परफेक्ट बतानेवाले सुशासन बाबू का कड़ा इम्तिहान होनेवाला है। कभी क्रिकेट के मैदान में दूसरों के लिए पानी की बॉटल ढोनेवाले तेजस्वी से इसबार की राजनीति में परफेक्ट शॉट की उम्मीद है। सुशांत सिंह का परफेक्ट कार्ड तो खेला गया लेकिन बड़ी जल्दी ही उससे इम्परफेक्ट निकलकर बाहर आया है ऐसे में लोग शिक्षकों वाला अच्छा स्कूल और दवाइयों व सुविधाओं से भरा हस्पताल मांगेंगे या सिर्फ बिहारी अस्मिता के नाम पर छपनेवाले रंगीन प्रचार देखेंगे ये तो वक़्त ही बताएगा। बेरोजगारी ने तो नेताजी के नाक में अलग दम कर रखा है जो कि परफेक्ट तो है पर समय इम्पर्फेक्ट है।
लेखक के बारे में
मोहम्मद असलम, पत्रकारिता से स्नातक हैं। सामाजिक घटनाक्रम और राजनीतिक विषयों में रूचि रखतें हैं। इनके ज्यादातर लेख सोशल मीडिया घटनाक्रम पर आधारित होतें हैं। इसके साथ ही एमबीए डिग्री धारक हैं और एक निजी बैंक में सीनियर मैनेजर के पोस्ट पर कार्यरत हैं।
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3 Comments
admin
Your Comment is Under Review...!!!
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Pehchan
Netaji chhoriye bhla shabd hi shabdkosh me Nahi Raha rajya ki neeti bnane waale raajniti ko hi dhanda bna liya kyu na aap or hum Jaise sahas dikhae in logo k sthan p humara astitva bnae utro Medan me zarurat he humari desh ko