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दीपावली कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। चौदह वर्षों के वनवास के बाद जब परुषोत्तम राम अयोध्या वापस आए तब अयोध्यावासियों ने अपने राजा के वापसी पर ख़ुशी में घी के दीपक जलाए।  कार्तिक मास की सघन काली रात को दीपों की रौशनी से जगमगा दिया गया।  

 

यही वजह है दीपावली हमें एक सन्देश देती है अँधेरे पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई की जीत का।  धर्म ग्रंथो से मिले ये सन्देश बड़े पवित्र और रोचक हैं।  इसमें हम मानव जाती का कल्याण भी दिखता है। लेकिन ऐसा लगता है मानो वक़्त के हिसाब से लोगों ने सन्देश ही बदल दिया।  

 

कल दीपावली के दिन भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने जब इस खूबसूरत मौके पर अपने फैंस को वीडियो सन्देश के द्वारा शुभकामनाएं दी तो कुछ लोगों ने तारीफ़ की तो कुछ ने ट्वीटर पर इसके ख़िलाफ़ मुहीम चला दी। 18 सेकेंड के इस वीडियो में विराट कोहली प्यार मुहब्बत और खुशियों की बातें कर रहें हैं।  इसी बीच वो एक सलाह भी देतें हैं कि पटाखे न जलाएं ताकि हम पहले से प्रदूषित वातावरण को और  भी दूषित न करें।  

 

विराट का ये सलाह वक़्त के हिसाब से काफ़ी अच्छा लगता है क्योंकि दिल्ली एनसीआर पहले से गैस का चैम्बर बना हुआ है। और मुख्यमंत्री केजरीवाल से लेकर समाजसेवी तक पटाखों जैसी  चीज से बचने की सलाह दे रहें हैं ताकि हमारे पर्यावरण को और भी प्रदूषित होने से बचाया जा सके।  लेकिन इसी समाज का एक हिस्सा विराट द्वारा पटाखे न जलाने के सन्देश पर ऐसे भड़के मानो क्रिकेट की दुनिया का बादशाह भारत का नागरिक ही नहीं है।  

विराट के इस सन्देश पर लोगों ने ट्वीटर पर मुहीम चला दी और देखते ही देखते ये ट्रेंड करने लगा।  इस मुहीम को नाम दिया गया " #अनुष्का_अपना_कुत्ता_संभाल " 

ट्रेंडिंग वाक्य पर अगर ध्यान दें तो विराट को कुत्ते से इंगित किया गया है जो किसी भी कोण से एक सभ्य समाज को शोभा नहीं देता।  

 

कुछ घंटों में ही इसको 20 हजार लोगों ने ट्वीट कर दिया।  यह संख्या कोई आम नहीं है।  जिस विराट और अनुष्का को "पावर कपल" नाम दिया गया उस जोड़ी के लिए ट्वीटर पर यह मुहीम बड़ा हास्यास्पद लगता है। इनकी शादी में प्रधानमंत्री मोदी तक शरीक हुए थे वैसे में यह जोड़ी सच में ख़ास है।  

 

जब विराट अपने बल्ले से भारत को जीत दिलाने के लिए क्रिकेट के पिच पर संघर्षरत रहतें हैं तब हम उनके लिए दुवाएं मांग रहे होते हैं। लेकिन अगर वो हमारी मनोरंजन के खिलाफ कुछ शब्द बोल दें तो हम उन्हें दुश्मनों वाली ट्रीटमेंट देने लगतें हैं।  

 

ऐसा लगता है मानों हमारे विचार सड़न के क़रीब है और हम वही सुनना पसंद करतें हैं जो हमे छिछली ख़ुशी देता रहे।  

 

विराट कोहली के ख़िलाफ़ चल रहे इस ट्रेंड के ख़िलाफ़ दूसरा ट्रेंड चलाया गया जिसको नाम दिया गया  #IStandWithVirat   

ब्लॉग लिखे जाने तक कोहली के समर्थन में 80 हजार ट्वीट हो चुके थे।  

 

मतलब बुराई पर अच्छाई की जीत।  

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